चीन की एक यूनिवर्सिटी में निकली कैंटीन मैनेजर की वैकेंसी के लिए PhD की डिग्री मांगी गई है। इस जॉब ऑफर का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये जॉब ऑफर चीन की प्रतिष्ठित साउथईस्ट यूनिवर्सिटी ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया है। इस पोस्ट पर चुने गए कैंडिडेट को कैंटीन एक्टिविटीज का ध्यान रखना होगा। साथ ही फूड सेफ्टी की गारंटी, कॉन्ट्रैक्ट कंट्रोल, एडमिनिस्ट्रेटिव जिम्मेदारियां और फूड मेकिंग प्रोसेस की निगरानी करनी होगी। हालांकि, ध्यान देने वाली बात जॉब रोल्स नहीं, बल्कि क्वालिफिकेशंस हैं। इस पोस्ट पर अप्लाई करने के लिए कैंडिडेट को डॉक्टरेट होना जरूरी है। इसके अलावा, कैंडिडेट को अंग्रेजी भाषा में दक्ष होना चाहिए और MS ऑफिस सॉफ्टवेयर्स का पूरा ज्ञान होना चाहिए। फूड, न्यूट्रिशन और कलिनरी आर्ट्स में डिग्री और कम्यूनिस्ट पार्टी की मेंबरशिप वाले कैंडिडेट्स को जॉब में वरीयता दी जाएगी। सैलरी 20.8 लाख रुपए सालाना इस जॉब के लिए यूनिवर्सिटी 1,80,000 युआन यानी लगभग 20.8 लाख रुपए सालाना की सैलरी ऑफर कर रही है। इसके बावजूद चीन के सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना हो रही है। यूजर्स का कहना है कि ये जॉब पूरी तरह मैनेजेरियल है, फिर इसके लिए हाई एकेडमिक डिग्री वाली क्वालिफिकेशन की क्या जरूरत है। यूनिवर्सिटी ने कहा-खाना बनाने की जॉब नहीं है विवाद पर जवाब देते हुए यूनिवर्सिटी ने कहा कि इस जॉब में कैंडिडेट को खाना खुद नहीं बनाना है। इसलिए फूड इंडस्ट्री में एकेडमिक क्वालिफिकेशन रखने वाले कैंडिडेट्स की जरूरत है। हालांकि, इस जॉब में कैंडिडेट को सब्जी काटने या खाना पकाने जैसे काम नहीं करने हैं, मगर फिर भी सोशल मीडिया पर जॉब पोस्टिंग पर सवाल उठ रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- एक ऐसे जॉब मार्केट में जहां स्टेबल एडमिनिस्ट्रेटिव पदों पर भी अब पीएचडी धारकों की नियुक्ति हो रही है। डिग्रियां योग्यता की नहीं बल्कि जॉब सिक्योरिटी की प्रतीक बन गई हैं। शिक्षा का उद्देश्य हमें केवल योग्य बनाना नहीं, सोचने की क्षमता विकसित करना होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम असली दुनिया की समस्याओं के हल निकालने के बजाय बस डिग्रियां ही पैदा करते रहेंगे। —————– ये खबरें भी पढ़ें… खत्म हो रहा IITs का जादू? रिसर्च, स्कॉलरशिप के लिए JEE टॉपर्स चुन रहे IISc, MIT; कैसे बदल रहा एस्पिरेंट्स का ट्रेंड JEE एड्वांस में ऑल इंडिया रैंक 8 हासिल करने वाले देवेश भईया ने IIT न जाने का फैसला किया है। इसी तरह AIR 5 हासिल करने वाले उज्जवल केसरी को भी IIT जाने में कोई इंट्रेस्ट नहीं है। तो आखिर वो करना क्या चाहते हैं? दरअसल, देवेश ने कैंब्रिज की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी MIT को चुना है। वहीं उज्जवल केसरी IISC यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू जाना चाहते हैं। पूरी खबर पढ़ें…
